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बिना टिकट रेल यात्रा के चलते ख़त्म हुई छोटी सी बेमेल ‘लव स्टोरी’

एक छोटी लेकिन संवेदनशील ‘लव स्टोरी’ को जन्म दिया,

बिना टिकट रेल यात्रा के चलते ख़त्म हुई छोटी सी बेमेल ‘लव स्टोरी’

सहारनपुर/टूंडला। दिल्ली के एक कॉल सेंटर में कार्यरत 21 वर्षीय युवती स्नेहा* (नाम बदलकर) और 16 वर्षीय किशोर राशिद* (नाम बदलकर) के बीच प्रेम संबंध ने एक छोटी लेकिन संवेदनशील ‘लव स्टोरी’ को जन्म दिया, जो दुर्भाग्यवश बिना टिकट रेलवे यात्रा के चलते अचानक ही समाप्त हो गई।

जानकारी के अनुसार, स्नेहा दिल्ली में स्थित एक कॉल सेंटर में नौकरी करती थी, जबकि राशिद नाबालिग होने के कारण किसी बड़ी संस्था में काम नहीं करता था, और एक स्थानीय ब्यूटी पार्लर में अंशकालिक रूप से काम करता था। दोनों की मुलाकात किसी सामान्य परिचय के माध्यम से हुई थी, लेकिन जल्द ही उनके बीच घनिष्ठ संबंध बन गए। यह संबंध समय के साथ प्रेम में परिवर्तित हो गया और दोनों ने तय किया कि वे अपने परिवार की अनुमति के बिना ही साथ रहेंगे।

युवक और युवती ने मिलकर एक नया जीवन शुरू करने का साहसिक निर्णय लिया और घर से भागकर अपने प्रेम संबंध को आगे बढ़ाने की योजना बनाई। उन्होंने यह निर्णय बिना किसी तैयारी के लिया और तुरंत रेलवे यात्रा के माध्यम से किसी अज्ञात गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।

लेकिन उनके नए जीवन की यह शुरुआत लंबे समय तक नहीं टिक सकी। टूंडला रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने उन्हें बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ लिया। रेलवे पुलिस ने बताया कि दोनों यात्रियों के पास यात्रा के लिए वैध टिकट नहीं था, और स्टेशन पर उनके अवैध रूप से यात्रा करने की जानकारी मिलने के बाद उन्हें रोका गया।

इस दौरान मामला और जटिल हो गया जब कुछ हिन्दू संगठन के सदस्य भी घटनास्थल पर पहुँच गए। उनके अनुसार, यह मामला केवल बिना टिकट यात्रा का नहीं था, बल्कि इसमें दो अलग-अलग धर्मों से संबंधित युवाओं का प्रेम संबंध भी जुड़ा हुआ था। यह संवेदनशीलता पुलिस की सक्रियता का कारण बनी।

रेलवे पुलिस ने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। पूछताछ में युवती और किशोर ने अपने प्रेम संबंध और घर से भागने के निर्णय के बारे में स्पष्ट जानकारी दी। पुलिस ने दोनों के परिवारों से संपर्क किया और इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि दोनों के साथ किसी प्रकार का शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न न हो।

पुलिस की सक्रियता और दोनों परिवारों की भागीदारी के बाद, अंततः युवती और किशोर को उनके माता-पिता और परिवारजनों के सुपुर्द कर दिया गया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला संवेदनशील होने के कारण सभी पक्षों की सहमति और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए समाधान किया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के मामले न केवल परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं, बल्कि समाज में भी विविध दृष्टिकोण और भावनाओं को जन्म देते हैं। जब युवाओं के बीच प्रेम संबंध और उम्र का अंतर होता है, तो यह और भी संवेदनशील बन जाता है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि युवा अपने निर्णयों में कितने स्वतंत्र हैं और किस हद तक उनका संरक्षण किया जाना चाहिए।

युवती और किशोर के परिवारों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे अब आगे एक दूसरे के साथ रहने के फैसले के बजाय पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने पुलिस और रेलवे प्रशासन का भी धन्यवाद किया कि उन्होंने मामले को संवेदनशीलता और संयम के साथ संभाला।

स्थानीय समाज में इस घटना को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोगों ने इसे युवाओं की स्वायत्तता और प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में देखा, जबकि कुछ ने इसे अनुशासन और कानून के उल्लंघन के रूप में माना। इस घटना ने यह भी दिखाया कि प्रेम संबंध केवल निजी मुद्दा नहीं रह जाता, बल्कि कभी-कभी सामाजिक और धार्मिक संवेदनाओं से भी जुड़ जाता है।

रेलवे पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में बिना टिकट यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि नाबालिग और वयस्क दोनों को सुरक्षित और वैध तरीके से यात्रा करनी चाहिए, ताकि इसी तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

इस प्रकार, स्नेहा और राशिद की यह छोटी ‘लव स्टोरी’ रेलवे स्टेशन पर समाप्त हुई, लेकिन इसने समाज में कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। कानून, धर्म, समाज और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखना इस तरह के मामलों में हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है।

✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
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